गालिब : “मैं शायर बदनाम”
गालिब, एक ऐसा शायर जिसने अपनी 70 साल की ज़िंदगी का अधिकांश हिस्सा तंगहाली में ही काटा। Ghalib को जीते …
गालिब, एक ऐसा शायर जिसने अपनी 70 साल की ज़िंदगी का अधिकांश हिस्सा तंगहाली में ही काटा। Ghalib को जीते …
जिज्ञासु पाठकों के लिए प्रस्तुत है किस्सा ऐ ‘कोह-ए-नूर’ या ‘Kohinoor’ की दिलचस्प दास्तां का तीसरा/अंतिम अंक: अगर आपने किस्सा …
जिज्ञासु पाठकों के लिए प्रस्तुत है किस्सा ऐ ‘कोह-ए-नूर’ या ‘Kohinoor’ की दिलचस्प दास्तां का दूसरा अंक: अगर आपने किस्सा …
‘नादिर शाह’ पहला फ़ारसी बादशाह ना था जिसने ‘कोहिनूर’ या सही शब्दों में कहें तो ‘कोह-ए-नूर’ यानि ‘रोशनी की पहाड़’ …
हिन्दू वर्ष भारत और भारतीयता की पहचान, जिसे एक प्रकार की मानसिक गुलामी के कारण भुलाया जा रहा है? अँग्रेजी …
लेख का शीर्षक पढ़कर मन में सवाल पैदा हुआ होगा कि ‘तैमूर और जहाँगीर (Timur and Jahangir)’ का नाम एक …
हमारे जीवन में वृक्षों का महत्व कितना है? अगर ये जानना है तो इसके बारे में भारतीय जीवन दर्शन को …
“अहं रुद्राय धनुरा तनोमि… मैं रुद्र के धनुष को साधती हूं”! ऋग्वेद का ये ऋचांश पौष की शीतलता से भरी …
“आम की टोकरी” सोशल मीडिया पर ज्वलंत बहस का मुद्दा बनी हुई है… कक्षा एक की हिंदी की किताब “रिमझिम” …
भूमिहार कौन हैं ‘ब्राह्मण‘ या ‘क्षत्रिय’ ? Are Bhumihar really Brahmin, or not ? ये सवाल लोगों के मन में …