'जामुन का पेड़' ये कहानी व्यंग्यात्मक रूप से आम आदमी के प्रति प्रशानिक अधिकारियों की अकर्णमन्यता को सही अर्थों में दर्शाती है। ये दिखाती है कि किस प्रकार प्रशानिक अधिकारी कुछ मिनट में होने वाले कार्य को दिनों/महीनों तक...
"काँधा नही लगाओगे बे... पहले भी चेतावनी दी थी..."
सज्जाद ने सिगरेट जमीन पर फेंकी और सीना आगे करके बोला...
"पीढ़ियों से लगा रहें हैं बे... बाप-दादा और उनके भी बाप-दादा.. तब काहे नही बोले.. अब क्यों... काँधा भी लगायेंगे और...
"स्नेह के आँसू" इस कोरोना महामारी में अपनेपन की पहचान
गली से गुजरते हुए सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया।
ऊपर से बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा।
"बीबी जी ! सब्जी ले लो,...
महान सेनानायक हरिसिंह "नलवा", महाराजा रणजीत सिंह के सेनापति थे।
उनका जन्म 28 अप्रेल1791 को गूजरावाला (पंजाब) के, एक क्षत्रिय सिख परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम गुरदयाल उप्पल एवं माँ का नाम धर्मा कौर था। बचपन में...