Corona Pandemic के इस कठिन समय चिंता और तनाव को कैसे दूर करें ? COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान, आपके स्वास्थ्य के साथ–साथ हमारी मानसिक शक्ति भी प्रभावित हो रही है। इसलिए अपनी इम्युनिटी का ख्याल रखते हुए, अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखने के लिए विशेषज्ञों के इन सुझावों का पालन करें।
COVID-19 महामारी के कारण 2020 बहुत ही उथल-पुथल से भरा था और पूरे विश्व को आशा थी कि 2021 तक हम इस महामारी पर काबू पा लेंगे और फिर सब पहले जैसा सामान्य हो जाएगा, लेकिन ऐसा ना हो सका और यह विचार लंबे समय तक नहीं रह सका।
विश्व के अनेक राष्ट्र अप्रत्याशित रूप से Corona Pandemic की दूसरी लहर की चपेट में आ गए।
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Corona Pandemic की इस दूसरी लहर के मामलों की बढ़ती संख्या ने लोगों में बहुत दुख और भ्रम की स्थिति को पैदा किया है, कोविड कि यह दूसरी लहर अपने साथ चिंता और तनाव के मुद्दे लेकर आई है।
इसके कारण लोगों में बढ़ती बेरोजगारी, घर से काम करने की मजबूरी, बच्चों की होम-स्कूलिंग और महामारी को फैलाने से रोकने के लिए परिवार के अन्य सदस्यों, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ बढ़ती दूरी/संपर्क की कमी के कारण अधिकांश लोग चिंता, तनाव और अवसाद से ग्रस्त हो गए हैं।
इसलिए, यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है कि हम अपना और अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल करें। COVID-19 महामारी की इस दूसरी लहर के दौरान तनाव और चिंता को कम करने के लिए लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थय विशेषज्ञों ने कुछ सुझाव दिये हैं :
मन के अनुकूल कुछ पढ़ें या लिखें :
सभी जानते कि इधर – उधर भागते विचारों को रोकने के लिए ‘पढ़ना’ एक सबसे बेहतरीन उपाय है। इसके लिए आप अपने रूचि के अनुसार कुछ पढ़ें इससे आपके विचार शांत होंगे।
मानसिक विशेषज्ञ कहते हैं कि ‘लेखन’ आत्म-अभिव्यक्ति का एक रूप है जो आपको अपनी जटिल भावनाओं को समझने और आपके विचारों को नियंत्रित करने में आपको सक्षम बनाता है। अतः अगर आपकी रुचि लेखन में है तो आप ये कार्य भी कर सकते हैं। लेखन को सकारात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है जैसे कि आपके दिमाग को शांत और सक्षम बनाना, अपनी भावनाओं को पहचानना और स्वीकार करना, दबी हुई भावनाओं और रोज़मर्रा के तनाव को छोड़ना और नकारात्मक विचारों को त्यागना। लेखन की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको किसी एक प्रारूप तक सीमित नहीं रखता है। आप कैसा महसूस करते हैं, इसके बारे में लिखें, अपने लक्ष्य लिखें, सूचियां बनाएं या डूडल भी बनाएं। जैसा भी आप सोचते हैं या फिर जो भी अच्छा – बुरा आपको लगता है कुछ भी या जो चाहें लिखें।
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डू इट योरसेल्फ (DIY) कार्यों में रुचि लें :
अपने दिमाग को रचनात्मक तरीके से व्यस्त रखने के लिए घर पर उपलब्ध सामग्री के साथ कुछ डू इट योरसेल्फ (DIY) परियोजनाओं में शामिल हों। DIY प्रोजेक्ट आपके मस्तिष्क को रचनात्मक रूप से कार्य करने में मदद करते हैं और आपके दिमाग में किसी भी नकारात्मक विचार को कम करने में मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, पुरानी पत्रिकाओं और समाचार पत्रों से क्रेयॉन या फोटो फ्रेम के साथ अपनी मोमबत्तियां बनाएं। पापियर-माचे शिल्प आपके घर के लिए नए सजावटी सामान बनाने का एक दिलचस्प तरीका हो सकता है।
झूठी खबरों / समाचारों से दूर रहें:
इस समय हर तरफ एक प्रकार के भय और चिंता का माहौल है, ऐसे में बहुत से शरारती तत्व अनेक प्रकार की झूठी/फेक खबरें फैलते रहते हैं। इसके लिए उनके पास सबसे अच्छा साधन है डिजिटल और सोशल मीडिया। लेकिन एक सत्या ये भी है कि इस कठिन समय में सोशल मीडिया लोगों के लिए एक बहुत ही उपयोगी उपकरण के रूप में भी उभरा है। यह सभी से जुड़ने, सूचित रहने और एक दूसरे की मदद करने का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। लेकिन, सोशल मीडिया पर अपना समय कम से कम करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि नकारात्मक/झूठी जानकारी के लगातार संपर्क में आने से चिंता और तनाव हो सकता है। सूचनाओं के संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है, लेकिन सूचनाओं की अधिकता आपकी भावनाओं को इस तरह से बढ़ा सकती है जो आपके मानसिक/शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। अतः इस सबसे से बचाने के लिए सोशल मीडिया पर अपना समय कम करें।
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व्यायाम:
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आपस में जुड़े हुए हैं। यह अनुशंसा की जाती है कि अपनी दिनचर्या में किसी प्रकार की कसरत को शामिल करने से “फील गुड” एंडोर्फिन जारी करने में मदद मिलती है, जो चिंता या तनाव के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।